खाटूश्यामजी दैनिक दिव्य दर्शन

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 07, 2023

Baba Khatushyam Dars..

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 06, 2023

Chulkana Dham Darsha..

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 06, 2023

Baba Khatu Shyam Dar..

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 06, 2023

Sandhiya Darshan Tod..

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 05, 2023

Baba Khatushyam Dail..

खाटूश्यामजी : दैनिक दिव्य दर्शन - Sep 05, 2023

baba khatushyam sand..

राम मंदिर: एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल की जानकारी

राम मंदिर के बारे में और जानें

रामायण : उपन्यास के प्रमुख चरित्र

Sita - सीता

सीता हिन्दू धर्म की महान पुराणिक कथाओं और एपिक महाभारत और रामायण के अनुसार एक महान महिला चरित्र है। उनका वर्णन भारतीय साहित्य में सुंदरता, सामरिक योग्यता, पतिव्रता, संयम, त्याग और प्रेम के साथ जोड़ा जाता है। सीता का जन्म मिथिला राज्य के राजा जनक के घर में हुआ था। वे एक अत्यंत सुंदर, आकर्षक और सुशील महिला थीं। उनकी कामुकता और अनुशासनशीलता के कारण उन्हें जनकपुरी में 'जनकनंदिनी' के रूप में पुकारा जाता था। सीता की विवाह कथा महाराज दशरथ के पुत्र भगवान राम से जुड़ी है। वे राम की पत्नी और मान्यता हैं। सीता को अपनी पति के प्रेम का प्रतीक माना जाता है और उन्होंने अपने पति के लिए बड़ी परीक्षा का सामना किया। उन्होंने रावण के द्वारा किये गए अपहरण का सामना किया और अयोध्या वापस आने के बाद भी राम ने उन्हें अग्नि परीक्षा में भेजा। सीता ने इन परीक्षाओं का सामना किया और अपने पति की वफादारी और पतिव्रता का प्रमाण द िया। सीता का वर्णन करते समय उनकी सुंदरता को न छोड़ा जा सकता है। उनका चेहरा अत्यंत प्रकृष्ट और प्रकाशमय होता था। उनकी नेत्र अत्यंत मनोहारी थीं और उनके बाल लंबे, काले और चमकदार थे। वे हमेशा सर्वत्र प्रकृष्ट वस्त्रों में बांधी रहती थीं और उनके आभूषण भी अत्यंत सुंदर और मोहक होते थे। सीता की परीक्षाएं और वफादारी ने उन्हें भारतीय समाज में महिलाओं के लिए आदर्श बना दिया है। उन्होंने संयम और समर्पण की उच्चता का प्रतीक दिखाया। वे अपने पति की सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए तैयार थीं। उन्होंने पतिव्रता की महत्ता को साबित किया और उनका प्रेम विश्वासयोग्यता और त्याग के उदाहरण के रूप में उठाया गया है। सीता ने अपनी पति और परिवार के लिए बहुत कुछ संभाला है। उन्होंने अपनी सभी परिस्थितियों में धैर्य और सहनशीलता दिखाई है। उन्होंने अपने पति राम के साथ वनवास काल में अपने पूत्र लव और क ुश की पालना की है। वे एक माता के रूप में बहुत सम्मानित हैं और उनकी मातृभूमि को महत्त्व दिया जाता है। सीता का वर्णन करते समय, उनके धर्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वे धार्मिकता, ईमानदारी, न्याय और सच्चाई के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने पूरे जीवन को धर्म के मार्ग पर बिताया और अपनी मान्यताओं और नियमों का पालन किया। सीता का वर्णन करते समय, हमें उनके अनन्य प्रेम का भी स्मरण करना चाहिए। उन्होंने अपने पति और परिवार के प्रति अपार प्रेम और समर्पण दिखाया है। उनकी प्रेम पूर्ण और निःस्वार्थ है, जो एक पत्नी और माता के लिए आदर्श होना चाहिए। सीता हिन्दू धर्म की एक महान महिला चरित्र हैं, जिन्हें आदर्श और प्रेरणा के रूप में मान्यता दी जाती है। उनका वर्णन हमें सुंदरता, सामरिक योग्यता, पतिव्रता, संयम, त्याग और प्रेम की महत्ता समझाता है। सीता ने अपने जीवन के माध्यम से हमें नैतिकता, सामरिक योग्यता, और पतिव्रता के आदर्श का पालन करने की प्रेरणा दी है। उनकी बातों और कृतियों के माध्यम से हमें जीवन में सत्य, ईमानदारी, त्याग, सहनशीलता, और प्रेम की महत्ता को समझने का अवसर मिलता है। सीता का वर्णन हमें एक साथियक और आदर्श पत्नी की उपासना करने का उत्साह प्रदान करता है। उनके महान गुणों की सराहना करते हुए हम उन्हें एक अद्वितीय महिला चरित्र के रूप में स्वीकार कर सकते हैं और उनकी प्रेरणा से एक महिला के जीवन को उज्ज्वल और सार्थक बना सकते हैं।